AMAN AJ

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आई नोट , भाग 28

    

    अध्याय-5
    पहला दांव
    भाग-2

    ★★★
    
    रात के तकरीबन 8:00 बजे शख्स टेबल पर लैपटॉप खोल कर बैठा था। उसके हाथ एक के बाद एक लैपटॉप के कीबोर्ड पर चलते जा रहे थे। मानवी किचन में खाना बना रही थी। खाना बनाते वक्त भी वो खुश दिखाई दे रही थी और खुद से ही गुनगुना रही थी।
    
    शख्स ने अपने मन में कहा “आज पता नहीं क्यों मुझे उन सिंगरों पर भी प्यार आ रहा है जो सबसे बुरा गाते हैं।” वह अपने मन में ही गुस्सा दिखा रहा था। 
    
    मानवी किचन में पलटी और शख्स की तरफ देखते हुए कहा “आपको पता है मुझे एक कार भी दी जाएगी, खुद की कार, आपने ना बिल्कुल सही सोचा था, मुझे जॉब पर भेजने का फैसला लिया और देखो कैसे एक दिन में ही हमारी जिंदगी बदल गई।”
    
    “बेशक।” शख्स ने कहा “मगर तुम्हें ऐसा नहीं लगता जैसे तुम कुछ ज्यादा ही सपने देख रही हो, तुम्हें खुद को शांत रखना चाहिए, यह जो अभी मिला है इसे सिर्फ एक नॉर्मल चीज मानकर चलना चाहिए।”
    
    “अरे ऐसे कैसे चलना चाहिए, 60,000 सैलरी, फाइव स्टार फैकेल्टी वाला प्लेट, और एक कार भी, यह सब नॉर्मल चीज थोड़ी ना होती है। किसी को भी नहीं मिलता दुनिया में यह सब।”
    
    शख्स ने खुद को लैपटॉप की स्क्रीन की तरफ किया और मन में कहा “वही तो बात है मानवी, किसी को भी नहीं मिलता यह सब, तभी तो मेरे दिमाग में जोर जोर से इस चीज की घंटियां बज रही है कि यहां कुछ तो गड़बड़ है। यहां कुछ तो गलत हो रहा है।”
    
    “अच्छा अगर आपको बुरा ना लगे तो मैं पूछ सकती हुं आप कितना कमाते हैं...”
    
    मानवी ने यह पूछा तो शख्स के हाथ की उंगलियां लैपटॉप के कीबोर्ड पर काम करते करते रुक गई। उसने धीरे से चेहरा ऊपर की तरफ किया और मानवी की तरफ देखा। वह किचन में अपना आटा गूंदने का काम कर रही थी। शख्स के चेहरे पर अजीब से भाव आए जो उसके हल्के गुस्से को दिखा रहे थे। मगर उसने खुद पर नियंत्रण रखा और आंखें बंद कर अपने उस भाव को दूर किया।
    
    “पैसे से ज्यादा जरूरी प्यार होता है मानवी,” वह बोला “मेरी तनख्वाह भले ही काम हो मगर मैंने कभी तुम्हें प्यार की कमी नहीं होने दी, और फिर कम तनख्वाह होने के बाद भी हमारे पास कमी किस चीज की है। हम अच्छे खासे तौर तरीके से रहते हैं, अच्छा खाते हैं, सब तो है हमारे पास।”
    
    “सब कहां हैं, हमारे पास नई कार तो है ही नहीं, आपके पास जो है वह भी सेकंड हैंड है, पता है नौकरी में नई कार मिल रही है नई कार।”
    
    मानवी जो भी बात कह रही थी उस पर शख्स को गुस्सा आ रहा था। मगर ना जाने वह फिर भी कैसे अपने गुस्से पर कंट्रोल रख रहा था। 
    
    शख्स ने दोबारा हल्की सांस ली और मानवी से कहा “कार हमारे ज्यादा काम आती ही कहां है, मैं भी बस उसके साथ ऑफिस जाता हूं और वापस आता हूं।”
    
    “मगर अब तो मुझे भी आना जाना पड़ेगा, तो मुझे तो कार की जरूरत पड़ेगी ना, अब आप, अब आप तो अपने काम से चले जाया करेंगे, और मुझे आने जाने के लिए ऑटो करना पड़ेगा, यहां कार मिल रही तो मैं उसका फायदा उठाया करूंगी।”
   
    “फायदा... !!” शख्स ने अपने मन में कहा और मानवी की बातों को नजरअंदाज कर दिया।“फायदा आखिर तुम उसका उठाओगी या वह तुम्हारा उठाऐगा। इस बात को समझने के लिए इसकी गहराई तक जाना पड़ेगा। आशीष एंड कंपनी... यही नाम बताया था ना तुमने...”
    
    उसने लैपटॉप पर यह नाम लिखा और सर्च किया। सर्च करते ही आशीष एंड कंपनी की पूरी डिटेल उसके बायोडाटा के साथ आ गई। शख्स उसको पढ़ते हुए बोला “अगर आपके पास अच्छा इंटरनेट कनेक्शन हो तो किसी भी चीज की जानकारी हासिल करना ज्यादा मुश्किल नहीं रहता। मानवी, चलो अब तुम्हारी इस आशीष एंड कंपनी की डिटेल को खंगाला जाए, तो
...” वह डाटा को पढ़ने लगा “तो आशीष एंड कंपनी की ग्रैंड ओपनिंग की है तुम्हारे इस आशीष ने, शानदार, उम्र 28 साल, अमीर, डेसिगं, हाईएस्ट पर्सनैलिटी, यह सब इसकी खूबियां हैं। अपनी कंपनी के साथ-साथ यह अपने बाप की प्रॉपर्टी को भी संभालता है। यानि उसकी कंपनियों को चलाने की भी जिम्मेदारी इसकी है। एक साथ इतनी सारी कंपनियां चला रहा है तो इसके पास अच्छा खासा दिमाग होगा, फिर!! फिर इसके बावजूद इसने तुम्हें ऑफर दिया? इसके 11 गेस्ट हाउस है, वेट ए मिनट!! 11 गेस्ट हाउस!! साला आखिर करता क्या है बे इतने गेस्ट हाउस का!! इसके पिता का बड़ा आलीशान महल जैसा घर है, तो मतलब बेटे के साथ साथ बाप भी कम नहीं। घर में इसके अलावा इसकी बहन है, इसकी मां है, एक मैनेजर का भी नाम लिखा हुआ है जिसका नाम देवराज है। मानवी, यह आशीष और इसका बैकग्राउंड तो काफी भला चंगा है। फिर...!!”
    
    उसने लैपटॉप की तरफ देखना छोड़ा और मानवी से पूछा “अच्छा मानवी, मुझे तुम्हारी सीवी और वह एडवर्टाइजमेंट मिल सकता है जिसमें इसने जॉब ऑफर की थी।”
    
    “क्यों क्या हुआ...?” मानवी ने पूछा 
    
    “बस देखना है, मुझे कहानी में एक एडवर्टाइजमेंट लिखना था और फिर उसमें किसी के इंटरव्यू को दिखाना था तो यह चीजें मेरे काम आएगी।”
    
    “सारा दिन बस कहानी कहानी...” मानवी बोली और बोलते हुए किचन से हाथ धोकर बेडरूम की तरफ चली। इसके बाद बाहर आई और उसने एक अखबार और अपनी सीवी शख्स की तरफ बढ़ा दी। शख्स ने दोनों ले लिए।
    
    उसने अखबार खोली और पढ़ी। ऊपर की लाइनों को पढ़ने के बाद उसने आखिर वाली लाइन पढ़ी। वहां लिखा था ओन्ली अनमैरिड कैंडिडेट अलाउ। शख्स ने यह देखा तो‌ वह अपने दिमाग के विचारों में बोला “इसे तो अनमैरिड कैंडिडेट चाहिए था, मगर मानवी तो शादीशुदा है...”
    
    उसने मानवी से पूछा “अच्छा मानवी, इसमें तो लिखा है इसे एक अनमैरिड कैंडिडेट चाहिए था, क्या तुमने बताया नहीं तुम शादीशुदा हो।”
    
    “बताया था।” मानवी अपना काम करते हुए बोली “यह भी बताया था कि मुझे शादी किए हुए 3 साल हो गए हैं, इसके बाद उसने मना भी कर दिया था, मैंने आपको बताया ना मुझे मना किया था, तो मना करने का कारण यही था। फिर बाद में पता नहीं क्या सुझा की इसने मुझे बुला लिया।”
    
    “इसने तुम्हें कितने टाइम बाद कॉल किया था?”
    
    “तकरीबन 5 से 6 घंटे।”
    
    “ओह...” शख्स ने सोचने वाला मुंह बनाया। मुंह बनाने के बाद उसने अपने मन में कहा “तो इसे 5 घंटे में आखिर ऐसा क्या मिल गया जो तुम्हें सलेक्ट कर लिया गया, क्या इसमें तुम्हारा एक्सपीरियंस चेक करने के लिए उस कंपनी का चक्कर काटा था जहां तुम पहले काम करती थी। हां, यह एक जोक है मगर इसमें कोई इमोजी नहीं, तो आप लोगों को समझ में नहीं आएगा! मतलब इस कमीने ने आखिर 5 घंटे में ऐसा किया क्या। तुम्हारी सीवी....”
    
    उसने मानवी की सीवी उठाई और उसे पढ़ा। सीवी को ऊपर से लेकर नीचे तक पढ़ने के बाद वह बोला “इसने तो सीवी में जो लिखा है उसके बाद कोई चपरासी की नौकरी भी ना दें, इतनी बड़ी नौकरी!! ओह! यार! चाहे मैं खुद को कितना भी क्यों ना रोक लु़ं, मगर इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकता कि यह नौकरी किसी ना किसी गहरे मकसद के लिए दी गई है। क्या मानवी के खिलाफ किसी तरह का गहरा षड्यंत्र रचा जा रहा है? मगर वह गहरा षड्यंत्र क्या हो सकता है ..? एक बिजनेसमैन मानवी जैसी लड़की के साथ क्या करेगा? सेक्स? उसके लिए तो उसके पास मनी पावर है! वह पैसों से जितनी चाहे उतनी लड़कियां अपने गेस्ट हाउस में बुला सकता है! क्या उसे किसी कत्ल के इल्जाम में फंसाएगा? अगर इतना पैसा है तो लाश किसी को भी कह कर ठिकाने लगवा देगा! तो फिर!” उसने अपने दोनों हाथों से अपना सर पकड़ लिया “लगता है मैं बेमतलब ही सोच सोच कर पागल हो रहा हुं, मेरे ख्याल से यहां ऐसा कुछ भी नहीं है जो संदिग्ध लगे, जो भी है बस मेरा वहम है, उसने मानवी को जोब पर रखा क्योंकि यह उसका कोई बिजनेस ट्रिक होगा, कुछ देखा होगा मानवी में जो उसके बिजनेस को बुलंदियों पर ले जाए! अक्सर एक बिजनेसमैन ऐसे ही अलग तरह का डिसीजन लेकर कामयाब होता है! तुम एक लेखक हो, और लेखक होकर बिजनेसमैन के दिमाग को नहीं समझ सकते। तुम नहीं समझ सकते वह कब क्या कर सकता है। हशशश...” उसने गहरी सांस ली और आंखें बंद कर सोफे पर पीछे की तरफ हो कर लेट गया। “बिजनेसमैन के दिमाग से मुकाबला करना तुम्हारे बस की बात नहीं।”
    
    तकरीबन आधे घंटे बाद मानवी ने खाना डाइनिंग टेबल पर लगाया तो उसकी आंख खुली। उसने लैपटॉप बंद किया और डाइनिंग टेबल पर बैठकर मानवी के साथ खाना खाने लगा।
    
    मानवी खाना खाते-खाते बोली “सोचो, अगर मेरी इस नौकरी में हम फाइव स्टार फ्लैट के अंदर जाएंगे तो वहां कैसे खाना खाएंगे, वहां तो बड़ा सा डाइनिंग टेबल होगा, उस बड़े से डाइनिंग टेबल पर कांच के महंगे बर्तन रखे हुए होंगे, ढेर सारे बर्तन...”
    
    मानवी यह बोली तो शख्स ने उसे सपनों की दुनिया से बाहर लाते हुए कहा “तुम आखिर इतने बड़े डाइनिंग टेबल का करोगी क्या, खाना खाने वाले तो हम दो ही लोग हैं, क्या बड़ा डाइनिंग टेबल आने के बाद उस पर लेट कर खाना खाएंगे, और ढेर सारे कांच के महंगे बर्तन! बारात आएगी क्या घर पर खाना खाने के लिए!”
    
    मानवी तिखी मुस्कान देते हुए शख्स को देख कर बोली “लगता है आपको मेरे काम से जलेसी हो रही है, अभी मैं काम पर गई भी नहीं और अभी से जलेसी, आपको इस वक्त लग रहा होगा कि मेरी सैलरी आपकी सैलरी से ज्यादा क्यों है, आपकी नौकरी में आपको कुछ भी नहीं मिला, जबकि मेरी नौकरी में मुझे कितना कुछ मिल रहा है।
 
      शख्स ने जीभ अपनी मुंह में घुमाई और कुछ देर चुप रहने के बाद मानवी को कहा “देखो मानवी, तुम्हारा और मेरा प्रोफेशन अलग अलग है, अलग-अलग प्रोफेशन होने की वजह से हम एक दूसरे को कंपेयर नहीं कर सकते, तुम्हारा अपना अलग काम है, मेरा अपना अलग काम, तुम अपने काम में बेस्ट हो, और मैं अपने काम में, तुम लिख नहीं सकती, और मैं शायद तुम्हारी तरह फैशन डिजाइनिंग नहीं कर सकता।”
    
    “इस बात का तो आपको काफी अफसोस रहेगा....” मानवी ने खाना खाना शुरु किया “...की आप फैशन डिजाइनिंग नहीं कर सकते, अगर आप ऐसा कर सकते हैं तो आज आपकी सैलरी भी मेरी सैलरी जितनी होती है।”
    
    शख्स ने अपने खाने की तरफ देखा और आंखें बंद कर इस बात को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया। बात को नजरअंदाज करने के बाद वह चुपचाप खाना खाने लगा। वो ना तो कुछ सोच रहा था ना ही कुछ कह रहा था। मानवी ने खाना खत्म किया और अपनी जगह से उठती हुई वहां से चली गई। जिसे जाते हुए शख्स ने बड़े ही अलग नजरिए से देखा।
    
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